आप पुराना लिखती हैं
कहा आपने
यह कविता कुछ पुरानी है
यह क्या?
लय है और लालित्य भी इसमें?
डूबी हुई-सी लगती है
अपने ही रस में
आप भी मानेंगी
यह शैली घिसी, पुरानी है।
जब इसे पढ़ते हैं
तो नहीं पड़ते हैं
कनपटी पर हथौड़े से
न ही गड़ते हैं
शब्द इसके रोड़े से
ये रंग, ये माधुरी---
ये सब---जरा पुरानी है।
....
