‘पाखी’ मई-2019 अंक मिला। जैसे कि मुझे विश्वास था और इससे पहले के पत्र में मैंने लिखा भी था, अपने संपादन के तहत दो अंको में ही ‘पाखी’ को आपने एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक ऊंचाई प्रदान कर दी। प्रूफ की त्रुटियों को दूर करके इसे और भी सशक्त बना दिया। इसके लिए मेरा साधुवाद और शुभकामनाएं स्वीकारें।
