आत्मवक्तव्य/प्रमोद राय
कहानी की प्रेरणा अगर पात्र और परिस्थितियों को कहानी के कलपुर्जे मानकर चलें तो यह कहानी मैंने लिखी नहीं, बल्कि रोजमर्रा की भागदौड़ में मिले कुछ स्पेयर पार्ट्स की असेंबलिंग भर कर दी है। इसकी मूल प्रेरणा मुझे लुटियंस दिल्ली में बंदर भगाने वाले कृत्रिम लंगूरों, नोटबंदी के दौरान की लाचारगियों और महंगाई की आग में गलते छोटे सिक्कों से मिली थी। इ....
