शंभु बादल तथा अन्य कवियों का तुलनात्मक अध्ययन: विशेषकर झारखण्ड के संदर्भ में
कसौटी पर प्रेमचंद की कहानियों का यथार्थ
ममता भारती
सुशील कुमार
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हिन्दी साहित्य की पत्रिकाओं की भीड़ में अलग पहचान बनाने वाली 'पाखी' का प्रकाशन सितंबर, 2008 से नियमित जारी है।