चंद्रेश्वर

हिंदी के श्रेष्ठ गद्यकार एवं आलोचक भी बलरामपुरिया

हिंदी के श्रेष्ठ समकालीन गद्यकार और आलोचक डॉ. विश्वनाथ त्रिपाठी का व्याख्यान सुनने का पहला अवसर मुझे दिल्ली विश्वविद्यालय में किसी राष्ट्रीय संगोष्ठी में सन् 1986 में ही मिला था। मैं पहली बार आरा से इलाहाबाद होते हुए बद्रीनारायण के साथ दिल्ली गया था। उसी साल कुछ माह पहले मेरा एम.ए. (हिंदी) का रिजल्ट घोषित हुआ था और मैंने अच्छे अंकों के साथ प्रथम श्रेणी में उत्तीर्णता प्र....

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