कहने को तो आधुनिक परिभाषा में स्मृति आख्यान एक प्रकार से अमूर्त कथात्मक स्मृति है जिसमें वाचक का आत्म भी शामिल है। स्मृति का यहां वह तरल मानवीय रूप सम्मुख होता है जो पहचान और जीवन की परख के लिए वाचक के अनुभव सांस्कृतिक ढांचे में प्रस्तुत करता है। यहां अनुभव जगत एक व्यक्ति का होकर भी सामूहिकता से जन्मा है। इस अर्थ में ‘नंगा तलाई का गांव’ एक अनूठा स्मृति आख्यान है।
