पंकज शर्मा

कलात्मक सब्र के कथाकार: 3

मनोज रूपड़ा अपनी कहानियों में एक खास तरह का सम्मोहन उत्पन्न करने में निपुण हैं। अमूमन वैसा सम्मोहन संगीत से निसृत होता है। इस बात से किसी को ताज्जुब हो सकता है कि वे गाहे-ब-गाहे संगीत, कला और अभिनय की तरफ क्यों रुख करते हैं? क्यों उनकी हर तीसरी या चौथी कहानी के केंद्र में संगीत का प्रभाव दिखाई पड़ता है बल्कि उसी पर आधारित होता है? उनकी ‘साज नासाज’ से लेकर ‘आमाजगाह’ तक क....

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