देवरिया, गोरखपुर, जेएनयू से होकर अब डेनमार्क में अध्यापन करने वाले विवेक कुमार शुक्ल कहानियां, कविताएं और गद्य लिखते रहे हैं। उनका पहला उपन्यास बेगमपुर अमरपुर शीर्षक से आया है। मुखपृष्ठ पर वाणी प्रकाशन ने इसे युवा वाणी कहा है। मुखपृष्ठ पर ही यह भी अंकित है ---शहर, मठ और विश्वविद्यालय के कोलाहल में एक वंचित कवयित्री की प्रेम-धुन---
किंतु क्या उपन्यास इतना भर है?
ये कहा....
