कृष्ण कल्पित

विस्मरण में जा रहे हमारे पुरोधा लेखक

इस बाबर को आप नहीं जानते
इतिहास तथ्यात्मक होते हुए भी झूठ का पुलिंदा हो सकता है और साहित्य कल्पना पर आधारित होते हुए भी ऐतिहासिक दस्तावेज की तरह पढ़ा जा सकता है। दुनिया के महान साहित्यकारों की रचनाएं इस बात का उदाहरण हैं। क्रांतिपूर्व रूस के उत्थान-पतन के बारे में भले ही इतिहास हमें सिलसिलेवार बताता हो, लेकिन उस काल की सही धड़कन अगर आपको सुननी हो तो लेब टॉलस्ताय ....

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