भारत के आदिवासी समुदायों का इतिहास संघर्ष और प्रतिरोध की कहानियों से भरा हुआ है। उनके जीवन, संस्कृति और अस्तित्व की रक्षा के लिए समय-समय पर जो जद्दोजहद हुई है, वह आज भी हमारे समाज की संवेदनशीलता को चुनौती देती है। साहित्य ने इस संघर्ष को अभिव्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान किया है, और इस क्षेत्र में महाश्वेता देवी का योगदान अतुलनीय है। उनके उपन्यास ‘चोट्टि मुंडा ....
