दुर्गा प्रसाद गुप्त

दुर्गा प्रसाद गुप्त की कविताएं

 

फिलिस्तीन के लिए  

    अभी भी 
    गोलियों, बूटों, बमों और बारूदी
    धमाकों के बीच                           
    बची हुई है फिलिस्तीन की आवाज 
    अपने वतन के लिए

    लहूलुहान 
    क्षत-विक्षत फिलिस्तीन की आत्मा  
    पुकार लगाती हैं 
    अपने देश 
    अपने नागरिकों ....

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