पूरन चंद जोशी

सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया में श्याम बेनेगल की फिल्मों का चिंतन

भारत में समानांतर सिनेमा के जो बीज 1950 के दशक में सत्यजीत रे, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन, तपन सिन्हा के द्वारा बोए गए, और आम इंसान से जुड़ी ऐसी फिल्में बनाईं जो उनकी रोजमर्रा की दिक्कतों और जटिलताओं को उजागर करती थीं। इन बीजों से पैदा हुए पौंधों को श्याम बेनेगल ने दरख्त बनाया और ताउम्र अच्छे सिनेमा के निर्माण में लगे रहे। बीते 23 दिसंबर 2024 को उनका देहांत हो गया। उनका निधन कला जगत की ....

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