कार के बाहर पसरे अंधेरे को चीरती रोशनी के चंद कतरे देखते हुए दिमाग तेजी से चक्करघिन्नी की तरह घूमने लगा मीता का। तेज गति से चलती कार में बैठे-बैठे ऐसा लगा जैसे काले भूरे बादलों से भरे आसमान में ऊंची उड़ान भरते प्लेन को हवा के भयावह तेज झटके खाने पड़ रहे हों। ऐसे प्लेन में न उतर पाने की बेबसी और जंगली रास्तों पर चलती कार के बीच में न उतर पाने की विवशता बिल्कुल एक जैसी। जिसे जब....
