कन्हैया से पुलिस जबरन कुबूल करवा लेती है कि ट्रेन डकैती वाली घटना को अंजाम उसी ने दिया है। कहानी यहां फिर एक नया मोड़ अख्तियार करती है। बाद के वर्षों में मालूम पड़ता है कि पूरे जिले में अपराध का तांडव मच गया है। कभी रात में पुलिस चौकी उड़ा दी जा रही है, किसी शाम बम धमाके से समूचा जिला दहल गया है। किसी बेगुनाह को सजा और अपराधी को मुक्त करने की कार्रवाई होती है तब ऐसी भयानक स्थित....
