लोकतंत्र की असली ताकत सरकार में नहीं, बल्कि उसकी संस्थानों में होती है। यह एक स्थापित सत्य है। इसे ध्यान में रखकर यह कहना सही होगा कि लोकतंत्र का असली संकट भी संस्थाओं के संकट के साथ पैदा होता है। हमारे लिए यह सवाल महत्त्वपूर्ण नहीं है कि सरकार संकट में है या विपक्ष संकटग्रस्त में है। यह सरकार जिस रूप में और जिन परिस्थितियों में बनी है, उसके बाद से यह दोनों ही बातें एक सा....
