गौरी त्रिपाठी

रस सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र का अद्भुत सामंजस्य

निर्मला जैन की ‘रस सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र’ हिंदी समीक्षा जगत के लिए महत्वपूर्ण योगदान है, जो कला, साहित्य और भावनाओं के गहरे संबंध को उजागर करता है। यह पुस्तक रस की अवधारणा को समझाने के साथ-साथ सौंदर्य के अनुभव को भी परिभाषित करती है। 1967 की यह कृति आज भी हमें रस सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र को एक महत्वपूर्ण तरीके से देखने पर बाध्य कर देती है। जिस जमाने में निर्मल....

Subscribe Now

पाखी वीडियो


दि संडे पोस्ट

पूछताछ करें