प्रेम शशांक

हिंदी कथा समीक्षा और निर्मला जैन की आलोचना दृष्टि

एक आलोचक के रूप में निर्मला जैन की उपस्थिति को उनकी किताबों से इतर जानना हो तो नई कहानी के महत्वपूर्ण स्तंभ कथाकार राजेंद्र यादव का यह कथन बहुत महत्वपूर्ण है जब उन्होंने उन्हें ‘डेढ़ सौ साल की अकेली महिला आलोचक’ का खिताब देते हुए यह शिकायत भी दर्ज कराई थी कि उनसे उन्हें जितनी और जैसी उम्मीद थी, पूरी नहीं हो पा रही थी। राजेंद्र जी का व्यक्तित्व इस मायने में दूसरों से अल....

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