‘दायित्व-गहन भाषा अपूर्ण श्रोता अंधे’ की सर्जनात्मक पीड़ा की परिणति: ‘अंधा युग’
-निर्मला जैन
‘अंधा युग’ का रचनाकाल (1954) ‘मानव-मूल्य और साहित्य’ में संकलित लेखों के आस-पास का रचना काल है। कवि के अनुसार ‘इस दृश्य-काव्य में जिन समस्याओं को उठाया गया है, उनके सफल निर्वाह के लिए महाभारत के उत्तरा....
