‘उदात्त’ अर्थात् ऑन द सब्लाइम: निर्मला जैन
उदात्त देश की आलोचक: निर्मला जैन!
‘पेरि इप्सुस’ ही लोंगिनुस या लोंजाइनस का एकमात्र और सर्वोत्तम जीवन-चरित है। एक निश्चित व्यक्तित्व बड़ी स्पष्टता के साथ उभरकर सामने आता है जो बड़ा ही आकर्षक है। ‘शुद्ध साहित्यिक’ न था कि अपने-आपको केवल साहित्य तक ही सीमित रखकर संतुष्ट हो लेता। यहां विचार-परिधि में कविता के साथ ग....
