अनुवाद कर्म एक दुष्कर कार्य है। इसमें मौलिक सृजन से कई गुणा अधिक परिश्रम लगता है। इसके लिए न केवल कम-से-कम दो भाषाओं का ज्ञान आवश्यक है, वरन दोनों भाषाओं के समाज-संस्कृति में पैठ भी होनी जरूरी है। यह कार्य तब और भी कठिन हो जाता है, जब अनुवाद का अनुवाद किया जाना है। मतलब जब मूल लेखन किसी ऐसी भाषा में होता है, जिसका ज्ञान अनुवादक को नहीं होता है और तब वह कृति के उस अनुवाद पर निर....
