घोर सन्नाटा है। निस्तब्धता वीरान पगडंडियों पर मोर के पांव चल रही है। खामोशी का आलम यह है कि आप चींटियों की आवाजें सुन सकते हैं। ध्वनियां गायब हैं। कुछ बचे हुए परंतु
जीर्ण-शीर्ण अवस्था को प्राप्त पुश्तैनी घर सीमेंट बजरी से निर्मित आधुनिक मकानों के बीच ऐसे लगते हैं जैसे किसी सरकारी कृपा से देश छोड़ गए अरबपति की बगल में कोई भिखारी का बच्चा अचानक खड़ा एक रुपए के लिए याचन....
