मुकेश कुमार सिन्हा

तिरस्कृत जीवन की कहानियां

‘हारी नहीं हूं मैं’ कितना प्रभावकारी है न शीर्षक? बरबस पाठकों को अपनी ओर आकर्षित कर लेगा यह। ऐसा लगता है कि यह शीर्षक नकारात्मकता के बीच सकारात्मकता का बोध करा रहा है, रेगिस्तान में बूंद भर पानी का एहसास करा रहा है। मतलब, अंधेरी राह में प्रकाशपुंज है यह!
नाटक, कहानी, आलेख, कविता गढ़ने वाली सरिता कुमारी की सद्य प्रकाशित कृति है-‘हारी नहीं हूं मैं’। प्रस्तुत कहानी स....

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