‘अलिफ लैला’ की कहानियां पढ़ते हुए या इन कहानियों पर बनी फिल्में और सीरियल देखते हुए अरब देशों की जो तस्वीर हमारे सामने उभरती है, वह तिलिस्मी महलों, परियों, हूरों, अरेबियन संगीत, रबाब की धुन पर नाचती हसीन रक्कासाएं, कहवा घर, जिन्न, जादूगर-जादूगरनियां, चोरों, बीहड़ रेगिस्तान और ऊंटों के कारवां वाली ही है।
लेकिन क्या अरब देश ऐसे ही हैं? इस फंतासी का सच अगर जानना हो तो कृष्ण....
