मुकेश कुमार

मुझे भारत रत्न क्यों नहीं?

दस साल से सत्ता की देहरी पर नाक रगड़ रहे पत्रकारों की महासभा चल रही है। माहौल में कपड़ाफाड़ गरमी है। गमछाधारी, तिलकधारी, त्रिशूलधारी सारे पत्रकार एक जगह जमा हों तो वातावरण शांतिपूर्ण कैसे रह सकता है। 
महासभा का एजेंडा है भारत रत्नों के वितरण में भेदभाव। न, न राजनीतिक भेदभाव नहीं। उससे उन्हें कोई कष्ट नहीं है। बल्कि ऐसा महाबली न करते तो वे रुष्ट हो जाते। वे तो चाहते ....

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