समाज में व्याप्त जातिवाद, छुआछूत, गैरबराबरी, ढोंग-पाखंड और अंधविश्वास जैसी कुरीतियों को दूर करने के लिए समय-समय पर बड़े-बड़े संताें, गुरुओं और कवियों ने अपनी कालजयी रचनाओं से सार्थक प्रयास किए, उन्हीं महान हस्तियों में से संत शिरोमणि गुरु रविदास जी भी एक थे।
संत शिरोमणि गुरु रविदास ने भक्ति आंदोलन को अपने अनूठे व्यक्तित्व से एक नई दिशा प्रदान की। उन्होंने अपनी वा....
