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लोकतंत्र की सेकुलर अवधारणा

लोकतंत्र की सेकुलर अवधारणा

अपूर्व जोशी जी के समर्थ संपादन में प्रतिष्ठित तथा बहुत चर्चित पत्रिका ‘पाखी’ में उनका विस्तृत संपादकीय देखा, उनकी चिंता और संकट जो वर्तमान राजनीति से उपजा है वह वाजिब ही है। लोकतंत्र की सेकुलर अवधारणा उन्हें टूटती बिखरती नजर आ रही है। क्या राम मंदिर का निर्माण आर.एस.एस. का एजेंडा भर है? राम क्या उनके बनाए हुए भग....

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