ये इस पुराने देश का एक पुरातन कस्बा था नाम था अकबरपुर। हालांकि इस छोटे से रेलवे स्टेशन जहां से बड़े महानगरों से आने जाने वाली गाड़ियां बाकायदा गुजरती थीं लेकिन रुकती नहीं थी। ऊब की मार से अघाया-सा एक दुबला पतला रेलवे कर्मचारी अलबत्ता सदियों से हर गाड़ी के आने पर हरी झंडी लहराता तैनात रहता। (ये बात अलग है कि हर सुपर फास्ट गाड़ी वहां से इतने फर्राटे से गुजरती कि यदि वो लाल झंडी ....
