आज मौसम का मिजाज बहुत नटखट था मानो अपने बारे में किसी को पता ही न चलने देना चाहता हो कि बरसना चाहता है या यूहीं ठंडी हवाएं चलकर सभी को उमंगों से भर देना चाहता है। ये उमंगें भर ही रही होती है कि इतने में ही कड़ी धूप का आगमन हो जाता है और ये गर्मी और मानसून के बीच का आलम उमस को बुला लेता है। मौसम नीरस और फीका पड़ने लगता है, लेकिन आज इसकी नीरसता अकेले नहीं है साथ में तरुणा को लिए हु....
