हिंदी में यात्र संस्मरण का लंबा इतिहास है लेकिन मैं उस इतिहास में न जाकर हमारे समय के महत्वपूर्ण कवि श्रीप्रकाश शुक्ल के सद्य प्रकाशित यात्र संस्मरण ‘देस देस परदेस’ तक ही केंद्रित रहूंगा। इस कृति में मुख्य रूप से आठ यात्र संस्मरण हैं जो लगभग साढ़े सात वर्ष की कालावधि में सिमटे हैं। यह महज संयोग नहीं है कि श्रीप्रकाश जी ने दुर्गम यात्रओं के द्वारा इतिहास, भूगोल, समाज,....
