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तेरी निगाह में रह कर संवरना चाहती हूं
तू आईना है मैं तुझ में उतरना चाहती हूं
जुनूं की आखरी हद तक था इंतजार तेरा
मैं वापसी का सफर अब करना चाहती हूं---
इसी उम्मीद पे, शायद के तु नजर आए
फिर आज तेरी गली से गुजरना चाहती हूं
हर एक रिश्ता हैं मसरूफ किस को फुरस....
