हाल में प्रकाशित ‘दो गुलफामों की तीसरी कसम’ हिंदी साहित्य जगत के लिए अनूठा उपहार है। हिंदी भाषा में अभी तक ऐसी कोई पुस्तक नहीं लिखी गई जो साहित्य से सिनेमा के रूपांतरण की बारीकियों पर प्रकाश डालती हो।
फणीश्वरनाथ रेणु की कहानी ‘तीसरी कसम उर्फ मारे गए गुलफाम’ पर ‘तीसरी कसम’ नामक फिल्म बनी थी। फिल्मांकन के दौर में फिल्म निर्माताओं द्वारा बरती गई सावधानिय....
