वीणा अमृत

वीणा अमृत की कुछ कविताएं

प्रेम में आसमान होना


प्रेम के 
अनगिन पल 
सब कुछ भूलकर 
यायावर मन कहीं नहीं बंधता
नापता आकाश का विस्तार 
उड़ता उन्मुक्त/निर्बांध 
मुक्ति संभव नहीं 
प्रेम है तुमसे। 

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मेरा अनुराग 
मेरी आस्था 
समर्पित तुम पर
वस्तुनिष्ठता देह की
आत्मनिष्ठता प्रेम की 
सांसो....

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