लिली मित्र

लिली मित्र की चार कविताएं

एकांत का आलिंगन

मेरे प्रिय एकांत को 
चीरते---
फेरी वाले के 
कर्कश स्वर
घड़घड़ाती मशीनें

हार्न बजाते, भड़भड़ा कर गुजरते वाहन
सिहराती नरम हवा को
बांधते हो जैसे
किसी कटीली झाड़ी से---

उठकर दूसरे कमरे में चली जाती हूं
ये सोचकर शायद- 
कानों में धीमा पड़ता उनका स्वर
मेरे प्रिय एकांत को 

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