खिड़की की खड़खड़ाहट से जैसे ही अनामिका की नींद खुली, सीधे ही वो बालकनी की ओर भागी। गिरते-पड़ते जैसे-तैसे आज धोये सारे कपड़े उसने उठाकर पलंग पर बिखरा दिए और हांफते हुए वहीं बिस्तर पर पसर गई। पंद्रह दिन पहले हुए ‘मिसकैरिज’ के बाद यूं ही जल्दी से थक जाती है अनामिका। कुछ पल लंबी-लंबी सांस भरने के बाद अनामिका बालकनी पर आकर खड़ी हो गई। रेलिंग के सहारे अपना शरीर टिकाकर अनामि....
