मुन्ना, मुन्ना, पिताजी चिल्ला रहे हैं। जिसका नाम वे पुकार रहे हैं वह प्रत्युत्तर में हां कहने नहीं आने वाला। फिर भी उन्होंने उसकी हां सुन ली है। वे चिल्ला रहे हैं, अरे इन्हें मना कर मुन्ना, पटाखे क्यों छोड़ रहे हैं इतनी रात में। अरे जरा देख तो ये चिडि़यां कैसी फड़फड़ा कर अपने घोंसलों से निकल आई है। अम्मा पिताजी के चिल्लाने से नाराज होकर कह रही हैं, अरे ये बुड्ढ़ा पगला गया ह....
