अरुणाचल प्रदेश के तवांग में वास्तविक नियंत्रण-रेखा पर चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हुई झड़प की खबर आई तो अठारह-बीस साल पहले दिल्ली विश्वविद्यालय में मेरे होस्टल रूम-मेट रहे युद्धवीर राठौर की याद आना स्वाभाविक था। छह-सात महीने पहले वह लद्दाख क्षेत्र में तैनात था। तब उसने फोन पर अपने प्रमोशन की सूचना देते हुए बताया था कि वह कर्नल बन गया है तथा उसकी अगली पोस्टिंग शायद नॉ....
