ज्योति स्पर्श

 ज्योति स्पर्श की चार कविताएं

पूरक भूमिका

तुम ही 
मुझ में रोप सकते हो 
बीज अमरत्व का 

सिर्फ इसलिए 
मुझसे 
तुम बेहतर नहीं 

तीन मौसम, रक्त सिंचित 
अमरबेल जन्माते हुए 
खुद भी जन्मने से 
तुमसे मैं बेहतर नहीं 

छाती से जीवन 
नहीं बहा सकते 
तुम इसलिए कमतर नहीं 

बिना अनुमति ....

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