वह भी एक पार्क था। वैसा ही जैसे म्युनिसिपेलिटी के बदहाल पार्क होते हैं। हमारे घर के बिल्कुल पास लेकिन इसमें सैर करने नहीं जा सकते थे। इतना बदहाल पार्क था। अब आपसे बात करनी शुरू कर ही दी है तो क्या छुपाना? भई इस पार्क में इंसान तो नजर नहीं आते थे। हां, बरसात हो जाने पर गंदे पानी के भर जाने से सूअर जरूर लोटने पोटने आ जाते। कुछ कुत्ते भी दुम हिलाते आवारागर्दी करते....
