अवधारणा
पहले लगा
प्यार की महक कुछ नहीं
अब लग रहा है
प्यार की महक बिना तो कुछ भी नहीं
इसे निकाल दिया तो क्या बचा
इस जड़-जीवन की जड़ में
मैं आभारी हूं
तुम्हारे एक स्पर्श ने बदल दी
मेरी दृष्टि
मेरे प्यार की अवधारणा।
ईमेल और फाइल
तुम ईमेल हो
मैं क्....
