निवेदिता दिनकर

निवेदिता दिनकर की तीन कविताएं

ईश्वर के प्रति मेरी आस्था चरम पर है/थी...

सुबह शाम तुम्हारे सामने धूपबत्ती अगरबत्ती दीया का 
इतना प्रभाव पड़ा...
मेरे पूर्वजों पर 
कि कम से कम 
मैं किसी दबे कुचले परिवार में पैदा नहीं हुई... 
अलबत्ता मेरे आस-पास तो सब कुछ बहुत ही बढ़िया है...
रसोई घर भरा हुआ 
अलमारियों में कपड़े 
कैश पूरा...
बागानों में फूल उगाने के सारे साधन ....

Subscribe Now

पाखी वीडियो


दि संडे पोस्ट

पूछताछ करें