प्रतीक्षा राम्य

पोस्टपार्टम

कहानी की परिभाषा क्या होती है। क्या हर बार जरूरी होता है रचनात्मक भाषा और आकर्षक लहजे में किसी कहानी को कहना। क्या सीधे सरल शब्दों में कही गई कहानी मन में नहीं उतर सकती, मन के तार नहीं झनझना सकती। हम सब अपनी अपनी कहानी ही तो जी रहे हैं जिसे जीवन कहते हैं। समय और परिस्थिति के अनुसार हमारे किरदार बदल जाते हैं। हमारे अपने बदल जाते हैं। जो जिया वह कहानी, जो नहीं जिया ....

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