जब अलेक्जेंड्रिया का विशाल पुस्तकालय जल कर राख हो गया तो इस दुर्घटना पर इस्लाम के कट्टर धर्माचार्यों की प्रतिक्रिया थी-कोई अफसोस की बात नहीं है यह अगर उन किताबों में भी वही सब था जो कुरान में है तो उनकी कोई जरूरत नहीं थी। अगर ऐसा कुछ था जो कुरान में नहीं है तो उनका जल जाना ही बेहतर था।
मैं फिर अपने ख्यालों में खोई चलने लगी। सदियां मेरे सामने खुलने लगी। उस्ताद ....
