(एक)
यूं तो दुनिया में कई मुर्सल पयम्बर आए हैं
हिल्लतो हुर्मत के झगडे़ हल कहां हो पाए हैं
हजरते आदम से लेकर सरवरे कौनेन तक
तीन सौ तेरह नबी पैगाम लेकर आए हैं
कोई समझे या न समझे हां मगर अहले जुनूं
दीन से लड़कर ही दुनिया को यहां तक लाए हैं
खुद पे यूं इतराने वालों ये हकीकत जान लो
किसने शीशे कान में पिघले हुए डलवाए हैं
ऐ हवा ए अम्न तू इनको उड़ा ले जा कहीं
जं....
