की जाणा मैं कोण
हद हद टपे सो औलिया
बेहद टपे सो पीर
हद अनहद दोउ टपे सो वाको नाम फकीर।
जहां कहीं भी पीर और मुर्शिद का जिक्र होगा, जहां मस्ती, खुमार, महवियत, मार्फत, तसव्वुफ, काफियों तथा मुर्शिद, खसम, गुरु के प्यार की झलक नजर आएगी वहां सैÕयद बुल्लेशाह का जिक्र जरूर होगा।
इनके बचपन का नाम अब्दुल्ला था। आगे जाकर अब्दुल्ला साईं ....
