अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
यह महान दृश्य है
चल रहा मनुष्य है
अश्रु-स्वेद-रक्त से
लथपथ, लथपथ, लथपथ।
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
प्रख्यात कवि हरिवंश राय ‘बच्चन’ ने यह कविता युवाओं को संघर्ष के पथ पर चलने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देने के लिए लिखी थी। लेकिन, आज हमारी सरकार ने सचमुच युवाओं को अग्निपथ यानी आग की राह पर चलने के....
