क़िस्मत के खेल निराले मेरे भैया ... किस्मत के खेल निराले ...
यह क़िस्मत नहीं तो फिर क्या है !
जब विजय आबूधाबी इंडियन स्कूल में प्रिंसिपल हो गया तो उसकी कोशिश थी कि वह पंत को अपने पास वाइस प्रिंसिपल की हैसियत से बुला ले । पंत और विजय दोनों टी एन एकेडमी में साथ काम कर चुके थे । पंत का सबजेक्ट बायो था । 1979 के आख़िरी दिनों में पंत टी एन एकेडमी छोडकर नाइजीरिया या केन्या के किसी स्क....
