ऑंखें लग गयीं थीं। पहली नींद की खुमारी में जा चुका था मैं। अचानक धम्म्-ंउचयधम्म् की आवाज से नींद टूट गयी। ऐसा लगा जैसे कोई बाहर घर का गेट पीट रहा हो। पहले सोचा शायद मन का भ्रम या कोई सपना होगा इसलिए जगने के बाद भी चुपचाप पड़ा रहा। लेकिन अगले ही पल जब धम् धम् धम् धम् की आवाज तेज हो गयी और उसकी पुनरावृत्ति भी ब-सजय़ गयी तो बिस्तर से निकल कर मैंने बत्ती जला दी। तब तक पत्नी भी जग कर ब....
