वर्ष 1986, एयर लाइंस रेस्तरां बिल्डिंग में हमने रहना शुरू ही किया था कि रमजान की चर्चा शुरू हो गई। मैंने आपसे पहले ही कहा है कि हिंदुस्तान में मैं जहां भी रहा वहां मुस्लिम आबादी बहुत कम थी। मेरे गांव से तीन किलोमीटर दूर उनवल कस्बे में गिने—चुने, इक्का—दुक्का मुस्लिम परिवार थे। तो वहां रमजान से कोई परिचय हो पाता इसकी संभावना ही नहीं थी। तीन—चार वर्ष की अवस्था में जब पिता के सा....
