आधुनिकता की जमीन पर मनुष्य को ज्यादा समर्थवान बनाने के लिए अनगिनत विचारधाराओं और जीवन दर्शनों का अनुसंधान हुआ। उन्हीं विचारधाराओं और दर्शनों के जोर पर मनुष्यों ने मनुष्यता को बचाने का बीड़ा उठाया। समय—समय पर इस प्रयोजन में अपनी ऐतिहासिक भूमिका अदा करने वाले जीवन—दर्शन का क्षरण भी होता रहा। अनेक विचारधारा वक्त के साथ—साथ फीके पड़े, नतमस्तक हुए। पश्चिम में डार्विन, मार्क....
