(1)
यह मौसम फिर शिकायत कर रहा है
कोई छुप के अदावत कर रहा है
यह किसने बात कोई कह दी सच्ची
रंग चेहरे का पीला पड़ रहा है
कभी उस ख्वाब को छूकर तो देखो
उसूलों की तरह जो सड़ रहा है
यह कितना खौफ फैला है फिजा में
बशर बाहर निकलते डर रहा है
अगर खुशहाल हैं हम, फिर यह क्या है?
सड़क पर आदमी क्यों मर रहा है?
(2)
इस हादसों के शहर में, ....
